पूर्णागिरी मंदिर
पूर्णागिरी मंदिर उत्तराखंड के चंपावत जिले में टनकपुर के पास स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है | यह मंदिर समुद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है, जहाँ देवी सती की नाभि गिरी थी.
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स्थान:
यह मंदिर उत्तराखंड के चंपावत जिले में टनकपुर शहर के पास अन्नपूर्णा शिखर पर स्थित है.
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ऊंचाई:
मंदिर समुद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
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महत्व:
यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है और मान्यता है कि यहाँ देवी सती की नाभि गिरी थी.
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यात्रा:
टनकपुर से मंदिर तक पहुँचने के लिए, आप बस या टैक्सी से थुल्लीगाड़ तक जा सकते हैं और फिर सीढ़ियों के माध्यम से 3 किलोमीटर का रास्ता तय करके मंदिर तक पहुँच सकते हैं.
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अन्य नाम:
पूर्णागिरी मंदिर को पुण्यगिरि के नाम से भी जाना जाता है.
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मेला:
चैत्र नवरात्रि के दौरान यहाँ एक बड़ा मेला लगता है, जिसमें देश भर से भक्त आते हैं.
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दृश्य:
मंदिर के शीर्ष से काली नदी, द्वीप और कुछ नेपाली गांवों का सुंदर दृश्य दिखाई देता है.
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प्रवेश मार्ग:
मंदिर तक पहुँचने का रास्ता कठिन और खतरनाक हो सकता है, लेकिन यह यात्रा के लायक है.
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भैरव मंदिर:
मंदिर तक पहुँचने से पहले आपको भैरव मंदिर के दर्शन करने होते हैं, जो मंदिर का द्वारपाल माना जाता है.
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झूठा मंदिर:
रास्ते में आपको झूठा मंदिर भी मिलेगा, जो तांबे का एक विशाल मंदिर है.
पूर्णागिरी मंदिर की यात्रा एक धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव है, जिसमें प्राकृतिक सुंदरता और धार्मिक मान्यताएं शामिल हैं.