NULM
एन0यू0एल0एम0 उपघटक निम्म प्रकार हैं
- सामाजिक उत्प्रेरण एवं संस्थागत विकास।
- कौशल विकास एवं प्लेसमेन्ट द्वारा रोजगार।
- स्वरोजगार कार्यक्रम।
- शहरी फेरी व्यवसायियो को सहयोग ।
- शहरी बेघरों हेतु आवास योजना।
योजना के तहत शहरी गरीब परिवारों को तीन स्तरीय समूहों के रूप मे गठित किया जायेगा।
1-सामाजिक उत्प्रेरण एवं संस्थागत विकास।
परिभाषा-
1-शहरी क्षेत्र में महिलाओं को आत्म निर्भर बानाये जाने के लिए सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहें हैं जिस हेतु सरकार द्वारा अनके योजनाए चलाई जा रही हैं। जैसे नगर क्षेत्र में दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना संचालित की जा रही हैं। जिसमें नगर क्षेत्र में निवासरत महिलओं का नगर पंचायत मे समूह बनबाया जाता हैं। जिसके माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाता हैं।
2-दीनदयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का लाभ लेने के लिए वह महिला नगर क्षेत्रवासी होनी चाहिए।
3-नगर पंचायत द्वारा सर्वप्रथम समूह का चयन किया जाता है। उसके पश्चात बैठक में सभी समूह की महिलाओं को समूह से होने वाले लाभ के बारे में बताया जाता हैं उसके पश्चात समूह का खाता खोला जाता हैं। जिसमें अध्यक्ष कोषाध्यक्ष व सचिव चुने जाते हैं हर महिने समूह की महिलाओं द्वारा बैंक में जाकर पैसे जमा किये जाते हैं। जिसके द्वारा समूह सदस्यों की बचत होती हैं। उसके पश्चात समूह को टेªनिग दी जाती हैं। नगर पंचायत द्वारा समूह की महिलाओं को दोने व पत्तल बनाने हेतु ट्रेनिग दी गयी हैं जिसके द्वारा महिलाए दोने पत्तल बनाकर उसको बेचा जाता हैं जिसके माध्यम से महिलाए आत्मनिर्भर बन रही हैं। नगर पंचायत द्वारा महिलाओं से बैंग बनवाये जा रहे हैं। समूह द्वारा 06 माह तक ठीक कार्य करने अथवा ग्रेडिंग उपरान्त एक बार रू0 10,000(रूपया दस हजार मात्र) रिवाल्विग फण्ड के रूप में नगर निकाय द्वारा उपलब्ध कराया गया हैं। नगर पंचायत में कुल 15 समूह संचालित है।
जो कि निम्नवत हैं।
- गायत्री आजीविका स्वंय सहायता समूह।
- गंगोत्री आजीविका स्वंय सहायता समूह।
- नीलकंठ आजीविका स्वंय सहायता समूह।
- नीलम आजीविका स्वंय सहायता समूह ।
- नई बस्ती आजीविका स्वंय सहायता समूह।
- मीना बाजार आजीविका स्वंय सहायता समूह।
- शिव भण्डारी आजीविका स्वंय सहायता समूह।
- बद्रीनाथ आजीविका आजीविका स्वंय सहायता समूह।
- ब्यानधूरा आजीविका स्वंय सहायता समूह।
- मॉपूर्णागिरी आजीविका स्वंय सहायता समूह।
- यमनोत्री आजीविका स्वंय सहायता समूह।
- गंगा आजीविका स्वंय सहायता समूह।
- गोल्ज्यू आजीविका स्वंय सहायता समूह।
- नीलकमल आजीविका स्वंय सहायता समूह।
- लवली आजीविका स्वंय सहायता समूह।
2-द्वितीय चरण में स्थानीय भौगोलिक क्षेत्र के अनुसार वार्ड/स्लम आधार पर 9 स्वंय सहायता समूहों का ।स्थ् बनाया गया हैं जिसमें स्थानीय निकाय के दिशा निर्देशो में प्रत्येक ैभ्ळके सदस्यों को ।स्थ्सदस्य के रूप नामित किया जायेगा ।स्थ् का एक बार रिवाल्विंग फण्ड के रूप में 500000 पचास हजार मात्र नगर निकाय द्वारा उचित इन्फ्रास्टचार व धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी।
2-कौशल विकास एवं प्लेसमेन्ट द्वारा रोजगार।
योजना के तहत शहरी गरीबों को चयनित बाजार आधारित टण्डरों में मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्रों के साथ निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा हैं।
- पात्रता 18 वर्ष निकाय क्षेत्र का निवासी व शहरी गरीब हो।
- नगर निकाय में आवेदन जमा उपरान्त काउन्सिलिंग कैम्प आयोजन
- प्रशिक्षण राज्य स्तर पर चयनित संस्थाओं के माध्यम दिया जा रहा हों।
- प्रशिक्षण उपरान्त प्रमाण पत्र दिया जाता हैं।
- प्रशिक्षण उपरान्त प्रशिक्षण संस्था द्वारा न्यूनतम 75 प्रतिशत प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार उपलब्ध कराया जायेगा।
- प्रति लाभार्थी 15 से 18 हजार रूपये प्रशिक्षण लागत सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।
- स्वरोजगार कार्यक्रम।
योजना के तहत नगर क्षेत्र के शहरी गरीबों को स्वंत रोजगार प्रारम्भ करने हेतु 07 प्रतिशत ब्याज दर से व्यक्तिगत व सामूहिक ऋण बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा। बैक द्वारा लिये जा रहे ऋण बैंक के माध्यम से उपलब्ध कराया जायेगा। आवश्यक हैं लाभार्थी द्वारा ऋण आदायगी समय से की जा रही हो। व्यक्तिगत ऋण हेतु लाभार्थी के आयु न्यूनतम 18 वर्ष की अधिकतम रू0 200000.00 (रू0 दो लाख मात्र))होगी सामूहिक ऋण हेतु 18 वर्ष से अधिक आयु के न्यूनतम 05 को समूह होना हैं जिसमें 70 प्रतिशत शहरी गरीब हो का अधिकतम रू0 1000000.00 (रूपया दस लाख मात्र)का ऋण बैंक के माध्यम से 07 प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध कराया जायेगा महिला समूह को 03 प्रतिशत अतिरिक्त ब्याज सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जायेगा।
1-लाभार्थियों द्वारा निर्धारित प्रपत्र में आवेदन नगर पंचायत बनबसा में आवश्यक संलग्नों के साथ जमा करना होगा स्वरोजगार कार्यक्रम का लाभ नगर क्षेत्र का निवासी होना चाहीए एवं उसका व्यवसाय भी नगर क्षेत्र में होना चाहिए जिसे गाईड-लाईन के अनुसार निर्धारित कमेटी के माध्यम से ऋण स्वीकृति हेतु सम्बन्धित बैको को प्रेषित किया जायेगा।
4-शहरी फेरी व्यवसायियों को सहयोग ।
योजना के तहत नगरीय फेरी समिति का गठन किया जाना है। नगर क्षेत्र के फड़ फेरी व्यवसाईयों का सर्वे के आधार पर फड़ व्यवसायियों का चयन किया जाता हैं तद्उपरान्त स्ट्रीट वेण्डरो को पहचान पत्र बैंको में बचत खाता खुलवाना क्रेडिट कार्ड सुविधा सम्बन्धित प्रशिक्षण इत्यादि के साथ-साथ अन्य विभागो की विभिन्न बीमा योजनाओं से भी लाभान्वित किया जायेगा योजना के तहत शहरी गरीबों को चयनित बाजार आधारित टेण्डरों में मान्यता प्राप्त प्रमाण-पत्रों के सााथ निशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा। नगर निकाय द्वारा सभी फड़ व्यवसायियों को 10000.00 प्रति फड़ व्यपारी को दी गयी है एवं स्वनिधि योजना के तहत 10 हजार से 50 हजार तक का लौन कम ब्याज कर पर दिया गया हैं।